आखिर कैसे खत्म होंगे बलात्कार जैसे जघन्य अपराध?

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आज हमारे देश में लोगों को क्या हो गया है बलात्कार जैसी घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। आये दिन कहीं ना कहीं से बलात्कार जैसी घटना की खबर सुनने को मिल ही जाती है। भारत में कहीं न कहीं हर 15 मिनट में 1 महिला बलात्कार का शिकार हो जाती है। यह आंकड़ा विश्व में महिलाओं के लिए हमारे देश को सबसे बुरी जगह साबित करता है।

आखिर बलात्कार जैसे जघन्य अपराध होते क्यों हैं?

मेरा मानना है कि जब किसी व्यक्ति को लगता है कि कोई उसे अपराध करते हुए नहीं देख रहा है और अपराध करने के बाद उसे पकड़ा नहीं जाएगा क्योंकि उसे किसी ने देखा ही नहीं है। उसकी यही भूल उसे अपराध को अंजाम देने के लिए उत्साहित करती है।

सोचो यदि किसी व्यक्ति को पहले ही बता दिया जाए कि सामने सीसीटीवी लगा हुआ है या वह खुद सीसीटीवी को देख ले तो क्या वह बलात्कार करने की हिम्मत कर पायेगा?

तो क्या हमें लाखों करोड़ों सीसीटीवी लगाने की जरूरत है? नहीं ! बल्कि उसकी जगह एक ऐसी तकनीक विकसित करने की जरूरत है जिससे अपराधी की तुरन्त पहचान हो सके बल्कि अपराध करते समय ही पुलिस को घटना से सम्बंधित सभी सूचनाएं मिल जाएं तो क्या अपराधी अपराध करने की हिम्मत करेगा?

हम सब यह कहते तो हैं कि ऊपरवाला हमें पाप करते हुए देखता है लेकिन हम सभी जानते हैं कि हमें कोई भी नहीं देख रहा है। शायद इसीलिए हमारे अंदर गलत काम करने की हिम्मत आती है। इसलिए हमें एक ऐसी तकनीक चाहिए जिससे हम सभी के दिलोदिमाग में यह बात बैठ सके कि वह तकनीक हमें पाप करते हुए देख रही है। क्योंकि भगवान से तो अब कोई डरता ही नहीं इसलिए भगवान के स्थान पर तकनीक का सहारा लेना होगा।

भविष्य की चिप प्रत्यारोपण तकनीक

अगस्त 2017 में थ्री स्क्वायर मार्किट के 41 कर्मचारियों ने चावल के दाने के आकार की चिप अपने अंगूठे के पास प्रत्यारोपित कराई। जीवविज्ञान और तकनीक के बेजोड़ मेल से बनी इस तरह की तकनीक निकट भविष्य में मानव इतिहास में एक क्रांति बनकर उभरेगी। जो चिकित्सा, व्यापार और अपराध की रोकथाम में अत्यधिक लाभप्रद साबित होगी।

मैकमूलन की पत्नी, लिआ, 2009 में एक चिकित्सा दुर्घटना के कारण एक पुरानी तंत्रिका विकार से पीड़ित हो गई थीं। और अपने दर्द को सहने के लिए एक प्रत्यारोपित स्पाइनल कॉर्ड स्टिमुलेटर पर निर्भर हैं। जब मूलन उससे माइक्रोचिप्स तकनीक के बारे में बात करता है, तो वह कहती है, “अगर मेरी पीठ में वह तंत्रिका स्टिमुलेटर नहीं होता तो मैं दर्द ना सह पाने के कारण बहुत पहले आत्महत्या कर लेती।'”

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