हरिद्वार में भड़काऊ भाषण देने पर वसीम रिजवी फंसे; केस दर्ज

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हरिद्वार में खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन आश्रम में तीन दिन तक धर्म संसद चलती रही जिसमें एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया, जिसकी वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल होती रही।

भड़काऊ भाषण की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस सक्रिय हो गई और उत्तराखण्ड के ज्वालापुर निवासी गुलबहार खान की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हरिद्वार नगर कोतवाली में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) व कई अन्य लोगों के खिलाफ धारा 153a में मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल दागते हुए पूछा कि आखिर 3 दिनों तक पुलिस क्या करती रही अब वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस शिकायत दर्ज करके सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। क्योंकि धर्म संसद में अन्य बड़े बड़े हिंदुत्ववादी पदाधिकारी मौजूद थे लेकिन नाम सिर्फ वसीम रिजवी का ही उजागर हुआ बाकी लोगों के लिए “अन्य” शब्द का इस्तेमाल किया गया। अनेक लोगों ने यह भी कहा कि वसीम रिजवी को बलि का बकरा बनाया गया है वहां मौजूद हिंदुत्ववादी समान रूप से दंड के अपराधी हैं।

कुछ लोगों ने ट्विटर पर उत्तराखंड पुलिस को आड़े हाथों ले लिया और पूछा कि इन लोगों पर UAPA क्यों नहीं लगाया जा रहा क्या UAPA सिर्फ कश्मीरी मुस्लिमों पर ही लागू होता है?

नगर कोतवाली प्रभारी राकेंद्र कठैत ने बताया कि जैसे ही धर्म संसद में भड़काऊ भाषण की वीडियो वायरल हुई तो गुलबहार नामक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि धर्म संसद में वसीम रिजवी और अन्य लोगों ने भड़काऊ भाषण देकर उत्तराखण्ड जैसे शांति पसंद माहौल को खराब करने की कोशिश की है।

उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर वसीम रिजवी व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 153-ए में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी के नेता व संत थे मौजूद

उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि 24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष वाद किया जाएगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस धर्म संसद में बीजेपी के नेता और कई संत मौजूद थे। कोतवाल चंद्र चंद्राकर नैथानी का कहना है कि कार्यक्रम नगर कोतवाली क्षेत्र में हुआ था। यदि कोई शिकायत आती है तो उसे कोतवाली नगर में ट्रांसफर किया जाएगा।

हरिद्वार के वेद निकेतन में हुई धर्म संसद में दिए गए विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता और तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने अपने ट्वीटर एकाउंट से इस मामले में ज्वालापुर कोतवाल को शिकायत भेजी है। हालांकि, शिकायत में एचएसओ का नाम चंद्र चंद्राकर नैथानी के बजाय योगेश सिंह देव लिखा है। वहीं एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय व सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह को भी इसकी कापी की है। जबकि यह दोनों अधिकारियों का तबादला हो चुका है। 

आरटीआई एक्टिविस्ट ने की शिकायत

हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में तीन दिनों तक चली धर्म संसद हुई थी। आरोप है कि समुदाय विशेष के खिलाफ कुछ भाषण दिए गए थे। जिसके बाद इसका वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद आरटीआई और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता साकेत गोखले ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में एसएचओ को शिकायत दी है।

उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि 24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष वाद किया जाएगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस धर्म संसद में बीजेपी के नेता और कई संत मौजूद थे। कोतवाल चंद्रचंद्राकर नैथानी का कहना है कि कार्यक्रम नगर कोतवाली क्षेत्र में हुआ था। यदि कोई शिकायत आती है तो उसे कोतवाली नगर में ट्रांसफर किया जाएगा।

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